कश्मीरी गेट बस स्टैंड नई दिल्ली 1 अगस्त 2012, बारिश होने वाली थी। दिल्ली से चंडीगढ़ को जाने वाली बस काउंटर से निकले वाली थी। एक युवक उस बस की तरफ भागते हुए उस में चढ़ जाता है और पीछे जाकर एक सीट पर बैठ जाता है।
बस चलने लगी। बस कंडक्टर यात्री से टिकट मांगने लगता है। कुछ देर में ही बारिश होने लगती है। लगभग पांच घंटे के बाद बस अपनी डेस्टिनेशन सिटी के पास पहुँचने वाली थी, तभी एक भारी आवाज वाला एक आदमी ज़ोर से चिलता हुआ बोलता है की किसी ने मेरा लैपटॉप चोरी कर लिया है।
वह आदमी बस को रुकवाने के लिए कंडक्टर को बोलता है। बस में सभी लोग शॉकेड हो जाते है। बस कंडक्टर उस आदमी को बोलता है कि अब बस रुकवाने का कोई फायदा नहीं है। वह पता नहीं कौन था क्यूंकि अब तक 6 लोग बस से उतर चुके हैं।
जिसका
लैपटॉप चोरी हुआ था वह बहुत
परेशान दिख रहा था। वह बोला
यह लैपटॉप मेरे लिए बहुत ज़रूरी
है। इसमें कुछ ऐसा है जो किसी
के हाथ नहीं लगना चाहिए। मुझे
वह लैपटॉप किसी भी कीमत पर
चाहिए।
तभी युवक (जो दिल्ली में भागते हुए बस में चढ़ा था) वह खड़ा होता है और उस आदमी को बोलता है कि आपका लैपटॉप मिल जाएगा आप घबराएं नहीं।
युवक बस में सभी को देखता है और पेपर पर कुछ लिखता है और जिसका लैपटॉप चोरी हुआ था उसको दे देता है। वह उसको बोलता है अगर आपको लैपटॉप चाहिए तो जो पता यहाँ लिखा है वहां जाकर मिल जायेगा।
कंडक्टर पूछता है: क्या आप उस आदमी को जानते हो?
“नहीं, मगर मुझे पता है वह वहां ज़रूर मिलेगा और उसका नाम अक्षित है।” युवक बोलता है
कंडक्टर: मगर आप यह इतने यकीन से कैसे बोल सकते हो कि उन 6 लोगों मे से कौन है जिसने लैपटॉप चोरी किया है।
वह आदमी बोलता है: यह बताना ज्यादा मुश्किल नहीं नहीं है। जिनका लैपटॉप चोरी हुआ वह बस में काफी पीछे बैठे थे और लैपटॉप भी बस में उनकी सीट के ऊपर लगेज बॉक्स में रखा था।
वह आदमी बोलता है:बस में उतरने वाले 6 में से 5 लोग बस में आगे बैठे थे इसलिए वह सिर्फ लैपटॉप चुराने के लिए इतना पीछे नहीं आएंगे। क्यूंकि बीच में और लोगों के लैपटॉप भी लगेज बॉक्स में रखे हैं।
वह यहाँ ज़रूर आएगा क्यूंकि उसकी उसके बॉस के साथ वहां मीटिंग है। जो मैंने फ़ोन पर बात करते हुए सुनाई दिया था। वह मेरी सीट के आगे वाली सीट पर ही बैठा था।
फ़ोन पर बात करते हुए उसने अपना नाम अक्षत बोला था और अपने मिलने का प्रोग्राम बता रहा था।
वह आदमी बोलता है:आल थे बेस्ट अमनदीप।
सब हैरान थे। जिसका लैपटॉप चोरी हुआ वह पूछता है आपको मेरा नाम कैसे पता।
युवक बोलता है, जब मैंने आपको पेपर दिया, और आपने उसको अपने पर्स में रखा, तो आपके पैन कार्ड में आपका नाम अमनदीप देखा था।
और बस चंडीगढ़ की ओर चल पड़ी।
लगभग आधे घंटे बाद बस सेक्टर 17 चंडीगढ़ बस स्टैंड पर पहुँच गयी थी। सभी बस से उतरने लगे और अपने गंतव्य के लिए निकल गए।
युवक भी जाने लगता है, अचानक बस की एक लड़की उस युवक के पास आती है।
लड़की : मेरा नाम Priya है। और मुझे आपकी मदद चाहिए।
युवक: हाँ, मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूँ?
Priya: क्या आप कृपया मेरे साथ आ सकते हैं
युवक: हाँ ज़रूर।
Priya: क्या मैं आपका नाम जान सकती हूँ?
युवक: मैं अभय, अभय निशान ।
आगे की कहानी के लिए यहाँ क्लिक करें
साल्ट (SALT) के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ click करें
इस कहानी को English में पढ़ने के लिए