January 2007, मैं priya हूँ और यह मेरी कहानी है। मैं बी.टेक कंप्यूटर साइंस की स्टूडेंट हूँ जो मैं चंडीगढ़ से कर रही हूँ। इस समय मैं नई दिल्ली हूँ। यहाँ मैं अपनी बैचलर्स डिग्री के लास्ट सेमेस्टर की इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के लिए आयी हूँ।
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वैसे basically मैं AMB, हिमाचल प्रदेश से हूँ। घर से इतना दूर आना मेरे लिए आसान नहीं था। मगर मेरे ambitions ने उसको आसान बना दिया है। मेरी लाइफ बहुत सिंपल है और उसको सिंपल ही रखना चाहती हूँ। एक schedule बनाया है और कोशिश करती हूँ उसको ही फॉलो करू।
रोज़ सुबह 6 बजे उठ जाना, वैसे उसके लिए अलार्म लगा रहता है। उठ कर fresh होना, brush करना और jogging के लिए निकल जाना। लाइफ सिंपल रखती हूँ मगर इसका मतलब यह नहीं की अपनी fitness and Body का धयान नहीं रखती।
Obviously अपनी फिगर भी मेन्टेन रखना चाहती हूँ। मगर उसके लिए GYM अवॉयड करती हूँ। मैंने किसी वेबसाइट पर पढ़ा था की Hourglass फिगर के लिए GYM जाना ज़रूरी नहीं है। उसका लिंक मैं शेयर कर दूंगी, आप उसको पढ़ लेना।
Hourglass Figure – How to get by doing a simple workout
One Hour का वर्कआउट जिसमे जॉगिंग, थोड़ी सी एक्सरसाइज एंड योग काफी है। योग से मेरा दिमाग शांत रहता है। वर्कआउट के बाद घर आना। 5-10 मिनट रेस्ट करने के बाद 5 मिनट का शावर। नहाने के बाद training के लिए ready होने के साथ साथ breakfast के लिए milk गरम करना और टोस्ट रेडी करना हो जाता है।
आज कल सब ऑटोमेटेड जो हो गया है। बस breakfast करने के बाद industrial training के लिए निकल जाना। मैं AlDeCode, नई दिल्ली से ट्रेनिंग कर रही हूँ। मेरे फ्लैट से 1.5 KM के डिस्टेंस पर ही है। वहां जाने के लिए मैं walk करना prefer करती हूँ और उसके लिए मुझे 15-20 मिनट्स लगते हैं।
दिल्ली की लाइफ बड़ी फ़ास्ट है। ऐसा मुझे तो लगता है बाकी आपको पता होगा। यहाँ कंपनी में मेरा पूरा फोकस सिर्फ अपने Team Leader (TL) की assignments पूरी करने पर होता है। मेरी टीम में मेरी बेस्ट फ्रेंड भी है। उसका नाम शिवानी है। वह कॉलेज टाइम से मेरे साथ है। कॉलेज में क्लासमेट, हॉस्टल में रूममेट और यहाँ रूममेट भी एंड टीम मेंबर भी।
हाँ वह मेरी रूममेट है। मैंने आपको बताया होगा उसके में, नहीं बताया? ओह्ह सॉरी!!! थोड़ा flashback में जाना होगा।
हाँ याद आया। जब अलार्म बजा था तो उसने अपना फेस blanket में कवर कर लिया था। इसलिए शायद वह दिखी नहीं होगी। मैं तो जॉगिंग के लिए निकल जाती हूँ मगर वह सोती रहती है। और जब मैं शावर के बाद आती हूँ तो उसको उठा देती हूँ।
शायद तब मेंशन करना भूल गयी। मेरे breakfast करने के टाइम उसका नहाना और रेडी होना। उसका ब्रेकफास्ट मैं अपने ब्रेकफास्ट के साथ बना देती हूँ। जहाँ मैं वाक करके ट्रेनिंग के लिए आती हूँ और वह रिक्शा कर लेती है।
यहाँ जो मैं पूरा दिन अपने लीडर की दी हुई असाइनमेंट पूरी करती हूँ और वह यहाँ अपने बातचमटेस के साथ मस्ती करती है। क्या करें है तो अभी स्टूडेंट लाइफ ही, वर्क कल्चर समझ नहीं आता।
शाम 5:30 हमारा ऑफ होता है। तब मार्केट से घूमते हुए घर वापिस आ जाते हैं। मैं घर थोड़ा रेस्ट करने के बाद अपनी असाइनमेंट्स की रेविसिओं करती हूँ और शिवानी बहार फ्रेंड्स के साथ घूमने निकल जाती है।
ऐसा नहीं है कि वह मुझे पसंद नहीं करती। वह मेरा ख्याल रखती है और कुछ भी हो डिनर मेरे साथ ही करती है। इसलिए चाहे डिनर ही सही मगर टाइम से घर वापिस आ जाती है। बस डिनर करना और सो जाना। यही लाइफ है मेरी। वह थोड़ी केयरलेस है बूत अपनी लिमिट्स जानती है।
आप सोच रहे होंगे मैं यह सब क्यों बता रही हूँ। मैं यहाँ चंडीगढ़ में अभय के साथ थी और उससे हेल्प के लिए बोला था। फ्लैशबैक में जाने की क्या ज़रूरत थी।
इसका आंसर फ्लैशबैक में ही है कि मुझे उसको हेल्प के लिए क्यों कहना पड़ा।
चलो फ्लैशबैक में फिरसे चलते हैं।
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