साल्ट – चंडीगढ़ से शिमला तक का सफर

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दोनों कार में बैठकर शिमला की तरफ निकल जाते हैं। जब वह लोग कालका बाईपास के पास पहुँचते हैं। अभय के मोबाइल पर एक SMS आता है। अभय मैसेज read करने के बाद मोबाइल Priya को देता है और बोलता है “इसको switch off करो, सिम कार्ड को निकालो, सिम को तोड़ कर बाहर फेंक दो

Priya वैसे ही करती है और अभय से पूछती है “तुमने अपना सिम क्यों फेंका? वह नंबर तो किसी के पास नहीं था

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अभय: मेरा वह नंबर अमनदीप के पास था।

Priya: कौन अमनदीप? जिसका लैपटॉप तुमने चोरी किया था?

अभय: हाँ, वैसे अब उसका लैपटॉप उसको वापिस मिल चुका है

Priya: Ohh please, वह तो luggage के साथ था जो अब आशीष के पास है। वैसे भी आशीष बस में नहीं था। How he knows कि अमनदीप कौन है और वह कहाँ रहता है। वह बात मत बोलो जिसपर यकीन ही ना हो।

अभय: वह लैपटॉप आशीष ने ही दिया है।

Priya: अभय तुमको क्या लगता है कि मैं इस बात को मान लुंगी?

अभय: तुमको यकीन क्यों नहीं है?

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Priya: How he knows, who is amandeep? चलो एक बार मान लूँ कि तुमने अमनदीप की pic बस में capture कर ली होगी जिससे उसने अमनदीप को देखा होगा। मगर आशीष को कैसे पता कि अमनदीप कहाँ मिलेगा? या उसका address क्या है। चंडीगढ़ इतना छोटा भी नहीं है कि इतने आराम से किसी को ढूंढ लोगे।

अभय: I know chandigarh छोटा नहीं है। मगर ढूंढा उनको जाता है जो गुम हुआ हो। मैंने अमनदीप को StuC बुला लिया था।

Priya: तुमने कब और कैसे बुलाया? अगर वह आया था तो मुझे क्यों नहीं दिखा। मैं पूरा time तुम्हारे साथ ही थी।

अभय: तुमने शायद StuC में हुई distraction को गौर नहीं किया। वह बहस अमनदीप की और जो तुम्हारा पीछा कर रहे थे उनके बीच हुई थी।

Priya: मतलब अमनदीप तुम्हारा ही friend था और तुम्हारे ही प्लान का हिस्सा था।

अभय: सिर्फ प्लान का हिस्सा था। वह मेरा फ्रेंड नहीं है

Priya: मुझे सब कुछ detail में बता सकते हो?

अभय: जब हम लोग बस में दिल्ली से चंडीगढ़ आ रहे थे। तुमको फॉलो करने वाला उस बस में ही था। मैं तुमको फॉलो करने वाले के पीछे ही बैठा था।

अभय: मुझे एक distraction चाहिए था, जिसको use करके मैं तुमको उनकी नज़र से दूर कर सकूँ।

अभय: तुमको फॉलो करने वाले ने दिल्ली से बस के चलने के बाद कॉल करके बताया कि वह बस से चंडीगढ़ आ रहा है। उसने एक कार को अम्बाला लेकर आने को कहा।

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अभय: जब हमारी बस ने पिपली cross किया तब उसने एक कॉल फिर किया to know कार अम्बाला बसस्टैंड पहुंची या नहीं

अभय: अम्बाला पहुँचने के बाद उसने कार को बस के पीछे आने को कहा

Priya: ओके, But इसमें StuC वाला distraction कहाँ से आया

अभय: अरे बता रहा हूँ। Wait करो

Priya: OK अभय

अभय: वैसे अब चाहो तो Pardeep बोल सकते हो या Paddy भी बोल सकते हो।

Priya: ओके

अभय: अम्बाला cross करने के बाद अमनदीप की नज़र अपने luggage पर गयी। उसका लैपटॉप नहीं था। मैं उस moment की wait कर रहा था।

अभय: मैंने वहां सबको ऐसे show किया कि मुझे पता है लैपटॉप किसने चोरी किया है। उसको यकीन दिलाया। मैंने उसको एक पेपर दिया था। उसको बोला मैंने लैपटॉप चोरी करने वाले की बात सुनी है। वह इस पेपर पर लिखे एड्रेस पर मिलेगा। उसने वहां किसी से मिलना है।

Priya: क्या address दिया था?

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अभय: StuC का address दिया था। साथ में उसको यहाँ आज ही सुबह 10 बजे के तक आने को लिखा था। साथ ही यह भी लिखा था कि मैंने उसका चेहरा देखा है। मैं वहां आस पास ही रहूँगा। जैसे ही मुझे दिखेगा मैं बता दूंगा कि वह कहाँ बैठा है और कौन है। उसको वहां इंतज़ार करने को लिखा था।

अभय: मैंने नीचे अपना नंबर लिख दिया था। उसको एक miss call करने को लिखा था। साथ ही लिखा कि यह बात किसी को भी ना बताये।

Priya: ओके

अभय: फॉलो करने वाला बस में ही था। उसको idea नहीं था कि यह क्या हो रहा है। वह सिर्फ तुम्हारी तरफ ही देख रहा था।

अभय: मुझे आज follower को StuC लेकर आना था। अमनदीप को पहले से time और प्लेस का पता था।

अभय: अब उसको follow करने वाले की तरफ point करना था। जो मैंने StuC पहुंचते ही मैसेज करके बता दिया था की लैपटॉप चोरी करने वाला कहाँ बैठा है।

अभय: अमनदीप को लैपटॉप चाहिए था, इसलिए वह उनके पास गया और अपना लैपटॉप माँगा। लैपटॉप तो उन लोगों ने कभी चोरी किया ही नहीं था। बस यही सिचुएशन बहस में बदल गई।

अभय: जैसे ही बहस बड़ी। वहां लोगों की भीड़ लग गयी। मुझे जो डिस्ट्रक्शन चाहिए था वह मिल गया। आगे जो हुआ वह तुमको पता ही है।

Priya: लैपटॉप कैसे वापिस किया?

अभय: आशीष भी लैपटॉप लेकर StuC आया था, जो मैंने उसको क्लॉक रूम में पकड़ाया था। बहस बढ़ने के बाद हम वहां से निकल आए।

अभय: आशीष ने कुछ time wait किया होगा। अमनदीप को कॉल करके StuC पार्किंग के पास बुलाया होगा। जब अमनदीप वहां आया होगा तो से पैकिंग दिखा कर उसको कॉल किया होगा और बोला होगा कि इसमें उसका लैपटॉप है। आशीष लैपटॉप रख कर चला गया होगा। आशीष ने दूर से देखा कि लैपटॉप उसको मिला या नहीं। अब कन्फर्म हुआ तो मैसेज करके बताया। यही हमारा प्लान था।

Priya: मगर तुमने यह तो बताया नहीं कि वह लैपटॉप तुमने कब और कैसे चोरी किया।

अभय: पिपली cross करने के बाद तुमको शायद याद होगा कि बस बीच में रुकी थी। जहाँ बस driver किसी से बस रोक कर बहस कर रहा था। सबकी नज़र उस बहस में थी, तब मैंने वह लैपटॉप अपने बैग में छुपा लिया था।

Priya: क्या तुम सिर्फ प्लानिंग पर ही चलते हो?

अभय: मतलब

Priya: मेरे से बात करना भी कोई प्लानिंग का हिस्सा है ?

अभय: क्या बोल रहे हो? साफ़ साफ़ बोलो

Priya: कुछ नहीं। मुझे नींद आ रही है। जब हम लोग पहुँच जाएँ तो जगा देना।

अभय: खाना खा लो। फिर आराम से सो जाना।

Priya: मेरी इतनी care मत किया करो।

अभय: खाना खा लो

Priya: ओके जनाब

Priya खाना खाने के बाद सो जाती है। अभय कार drive करता है। कुछ ही देर में तेज़ बारिश start हो जाती है।

शाम लगभग 5 बजे वह लोग शिमला के पास पहुँच जाते हैं। अब भी तेज़ बारिश हो रही थी।

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