उसने बताया की 25 फरवरी को वह वापिस दिल्ली आएगा तब मिलुंगा।
शिवानी ने उसको बोला “Priya और मैं चंडीगढ़ जा रहे हैं। हम लोगों की कॉलेज में Mid Term Evaluation है। कुछ दिन घर भी रहेंगे। शायद 15 मार्च तक वापिस आएंगे। “
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17 मार्च मैं और शिवानी वापस दिल्ली आ गए। मैंने शिवानी को बोला कि “मुझे प्रदीप से मिलना है। “
शिवानी: वह लोग कल ही झाँसी गए हैं। उनके कॉलेज में उन लोगों की evaluation है।
Me: वापिस कब आएंगे?
शिवानी: पता नहीं, शायद 1-2 वीक तक।
Me: ओके
One week के बाद प्रदीप को छोड़कर उसके सभी फ्रेंड्स वापिस दिल्ली आ गए। मैंने उनसे पूछा प्रदीप क्यों नहीं आया। मगर किसी को वजह मालूम नहीं थी। बस उनलोगों ने इतना बताया कि वह basically चंडीगढ़ से ही है और अभी वहां ही गया है।
मैं, शिवानी, पूनम, पूजा, आशीष और गौरव free time साथ बिताने लगे।
उस दिन (जब प्रदीप मुझे pics का पूछने ऑफिस में मिलने आया था) के बाद से मैंने प्रदीप को कभी नहीं देखा।
हम सबका प्लेसमेंट हो गया। हम लोगों को mid of july (16 जुलाई) office join करने को बोला गया। जून month में मैं और शिवानी कॉलेज अपना final viva देने आये। हमारा viva 4 june को था।
After viva शिवानी ने मुझे कहा की “वह अपने किसी relative के यहाँ जा रही है। वहां से direct अपने घर चली जाएगी। शिवानी ने बताया कि वह अपने parents को लेकर nepal का trip प्लान कर रही है। इसलिए हो सकता है कि उसका और पेरेंट्स का फ़ोन न लगे। “
मैंने शिवानी को कहा “ओके, अपना ख्याल रखना“
जब मैं जॉब करने दिल्ली गयी। शिवानी ने ज्वाइन नहीं किया। वह दिल्ली आई ही नहीं। मैंने उसको कॉल किया मगर मोबाइल स्विच ऑफ था। उसके पेरेंट्स का फ़ोन भी स्विच ऑफ आ रहा था। मुझे यही लगा कि अभी वह वापिस आई नहीं होगी। 31 july जब मैं ऑफिस में काम कर रही थी कि मुझे शिवानी के नंबर से एक SMS आया
“Priya, Emergency… अपना ईमेल check कर। एक बस टिकट send की है। उसका print ले लेना। बस miss मत करना। बस में तुझे एक जाना पहचाना चेहरा दिखेगा। जब देखेगी पता चल जायेगा। चंडीगढ़ पहुंचने से पहले या जब तक वह खुद न बोले उससे बात मत करना। मैं भी चंडीगढ़ ही हूँ। मैसेज read करने के बाद और टिकट print लेने के बाद डिलीट कर देना। “
जब मैंने कॉल किया तो नंबर स्विच ऑफ आ रहा था। कुछ समझ नहीं आ रहा था यह क्या हो रहा था। मैंने शिवानी से आखरी बार कॉलेज viva टाइम बात की थी। मुझे लगा वह out of country है। मगर मैसेज पढ़ने के बाद ऐसा कुछ नहीं लगा।
जैसा मैसेज में लिखा था मैंने वैसा ही किया।
टिकट 1 अगस्त (चंडीगढ़ से दिल्ली) का था। जब मैं बस में थी तो जाना पहचाना सिर्फ एक चेहरा था। यह वही था जिसने भाग भाग कर बस को पकड़ा था। सिर्फ चेहरा ही जाना पहचाना था नाम नहीं।
यह कौन है प्रदीप या अभय?
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