मैंने शिवानी से पूछा कौन प्रदीप?
शिवानी: हमारे ऑफिस का ही है।
Me: मैंने तो यह नाम पहले कभी नहीं सुना ऑफिस में।
शिवानी: ऑफिस की दूसरी टीम में है। मेरा अच्छा फ्रेंड है।
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Me: अगर फ्रेंड है तो फ़ोन क्यों नहीं पिक करती। इतने दिन से ऑफिस नहीं जा रही है इसलिए तेरा हाल चाल पूछने के लिए तेरे को कॉल कर रहा होगा।
शिवानी: पता नहीं। मगर अभी मेरा किसी से बात करने का मन नहीं है।
Me: वैसे तूने मुझे मेरे बर्थडे पर सबसे introduce करवाया था। तब तो कोई प्रदीप था नहीं। तू मुझसे झूठ तो नहीं बोल रही ?
शिवानी: मैं क्यों झूठ बोलूंगी। अपने ऑफिस का ही है। दूसरी टीम का है। झाँसी से बी-टेक कर रहा है।
Me: तो फ़ोन उठा ले
शिवानी: मन नहीं है कितनी बार बताऊँ (frustration में बोली)
शिवानी ने अपना फ़ोन switch off कर दिया।
शिवानी: Priya प्लीज मुझे अभी अकेला छोड़ दे। मुझे किसी की need नहीं है।
Me: OK Sorry
मैं बाहर आ गयी। बाद में शिवानी को भी realise हुआ कि उसको ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। वह मेरे पीछे पीछे बाहर आ गयी और पीछे से मुझे hug किया और बोली “Sorry Priya“
शिवानी: I am really tensed. कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ। किसी की हेल्प भी नहीं ले सकती। (शिवानी रो रही थी)
Me: its ok..
शिवानी: Priya अंदर चलो। सोते हैं। I am really sorry
Next day जब मैं ऑफिस थी। लंच टाइम मेरे पास कोई आया और बोला “Hey priya main Pardeep hoon“
Me: कौन Pardeep!!!
Me: Ohh hi.. Sorry मैंने पहचाना नहीं था। Actually शिवानी ने कल रात बताया था आपके बारे में। आप कॉल कर रहे थे।
1 अगस्त 2012 (आज का दिन) मुझे याद है उसने अपना नाम प्रदीप ही बताया था। मगर आज चंडीगढ़ बस स्टैंड पर उसने खुद को अभय निशान नाम से क्यों introduce किया। इसका answer उससे बाद में ज़रूर पूछूँगी।
आप सोच रहे होंगे कि जब मुझे पता है वह झूठ बोल रहा है। तब भी मैं उसकी हेल्प लेने के लिए क्यों कहा और साथ क्यों जा रही है। इसका answer फ्लैशबैक में है। चलिए फिरसे फ्लैशबैक में चलते हैं।
प्रदीप: मतलब तुम लोगों ने नोटिस किया था। अगर नोटिस किया था तो कॉल पिक क्यूं नहीं किया।
Me: वह शिवानी का गला खराब है। शायद इसलिए उसने पिक नहीं किया।
प्रदीप: अच्छा झूठ बोलते हो आप।
Me: झूठ!!! नहीं तो। इसमें झूठ बोलने वाली क्या बात है।
प्रदीप: अगर सच होता तो वह मैसेज ज़रूर drop करती like “Talk to you later etc etc… I know her habits
प्रदीप: Anyways वैसे मुझे यह आपको बोलना नहीं था मगर वह ऑफिस नहीं आ रही है तो सोचा आपको बता दूँ।
Me: हाँ आप मुझे बता दो क्या बोलना है। मैं आपका मैसेज उसको दे दूंगी।
प्रदीप: उससे सिर्फ इतना पूछना कि pics का क्या करना है?
मैं शॉकेड थी और सोच रही थी “How he knows about pics“
Me: कोनसी pics? (मैंने हड़बड़ाहट में पूछा)
प्रदीप: बर्थडे वाले दिन की pics
Me: बर्थडे वाले दिन की?
प्रदीप: हाँ… क्यों क्या हुआ?
मैं काफी डर गयी थी। कुछ बोलने की बजाये यही सोच रही थी कि इसको उन pics का कैसे पता।
तभी प्रदीप बोला “चलो छोड़ो, मैं शिवानी से खुद बात कर लूंगा। उसकी ही तो pics है। “
और वह वहां से चला गया
मैंने सोचा शिवानी को कॉल करके बता देती हूँ। मगर रुक गयी। सोचा वह तो पहले से बहुत परेशान है। यह सुनेगी तो और परेशान हो जाएगी। मगर यह बात बताना भी तो ज़रूरी था। सोचा face to face ही बताउंगी इवनिंग टाइम घर जाकर।
शाम को जब मैं घर गयी तो देखा घर बहार से लॉक था। मैंने शिवानी को कॉल किया।
शिवानी (फ़ोन पर): हाँ Priya
Me (फ़ोन पर): कहाँ है तू?
शिवानी (फ़ोन पर): मैं प्रदीप के साथ हूँ। उसके घर हूँ। वह दोपहर को अपने घर आया था। मगर कुछ ज़रूरी था इसलिए उसके साथ उसके घर जाना पड़ा। बाकी घर आकर सब बता दूंगी।
Me (फ़ोन पर): तू exact लोकेशन बता मुझे मैं वहां आती हूँ।
शिवानी (फ़ोन पर): नहीं अभी नहीं। और सुन मुझे अभी कॉल रखना पड़ेगा। कुछ urgent है। डिनर मत बनाना। Fridge में rice और मटर मशरुम रखे हैं। प्रदीप ने बनाये थे।
Me (फ़ोन पर): Are you Okay शिवानी?
शिवानी (फ़ोन पर): I am fine… bye.. मिलकर बताती हूँ सब। 8 PM तक वापिस आ जाउंगी। अगर लेट हुआ तो कॉल करके बता दूंगी।
शिवानी ने कॉल रख दिया। मेरे मन में बहुत से wrong thoughts आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वही सब फिरसे हो रहा है जो मेरे बर्थडे वाले दिन हुआ था।
शिवानी की आवाज़ में मुझे डर महसूस हो रहा था। पता नहीं क्या Reason था। कहीं प्रदीप उसको blackmail तो नहीं कर रहा।
7:50 PM शिवानी का कॉल आया।
Me (फ़ोन पर): हेलो शिवानी, कहाँ है तू?
शिवानी (फ़ोन पर): अभी प्रदीप के घर ही हूँ।
Me (फ़ोन पर): तू तो बोली थी 8 PM घर आ जाएगी।
शिवानी (फ़ोन पर): हाँ मगर थोड़ा टाइम और लगेगा। लगभग 3-4 hours.
Me (फ़ोन पर): ओके , तू मुझे वहां का एड्रेस बता। मैं वहां आती हूँ।
शिवानी (फ़ोन पर): Priya trust me. I am really fine. तू टेंशन मत ले। मैं कल तेरे को डायरेक्ट ऑफिस ही मिलूंगी।
Me (फ़ोन पर): ऑफिस क्यों? अभी तो बोल थी 3-4 hours का काम है।
शिवानी (फ़ोन पर): हाँ प्रदीप बोला रात के 12 – 1 बजे घर जाने से अच्छा है मैं यहाँ उसके घर रुक जाती हूँ। तू भी आराम से सो जा।
Me (फ़ोन पर): शिवानी मुझे बहुत टेंशन हो रही है। तू मुझे एड्रेस बताती क्यों नहीं। मैं वहां आती हूँ।
शिवानी (फ़ोन पर): I am safe Priya. कल मिलकर सब explain कर दूंगी। बस यही समझ ले। अपनी problems का solution ढूंढ रही हूँ।
शिवानी (फ़ोन पर): अब मैंने फ़ोन रख रही हूँ। कल मिलती हूँ। कल ऑफिस मेरे undergarments और एक top ले आना।
Me (फ़ोन पर): ओके , प्लीज अपना ख्याल रखना।
शिवानी (फ़ोन पर): तू भी। bye
Me (फ़ोन पर): bye
शिवानी ने फ़ोन रख दिया। रात भर किसी लड़के के साथ अकेले रहना , बर्थडे की pics का प्रदीप को पता होना। I am sure वह शिवानी को ब्लैकमेल कर रहा था।
तभी मेरे फ़ोन पर मैसेज आया। यह मैसेज शिवानी का था। “मैं ठीक हूँ और safe भी, टेंशन मत लेना। “
यह मैसेज पढ़ कर थोड़ा रिलैक्स हुआ। मैं सोने चली गयी। mind में thoughts आ रहे थे। प्रदीप ने forcefully मैसेज तो नहीं करवाया कि शिवानी ठीक है। क्या reason है यह अब ऑफिस जाकर ही पता चलेगा।
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