शिवानी रो रही थी। मैंने उसको hug किया और पूछा “शिवानी क्या हुआ?“
शिवानी: उस अमित ने मेरी ज़िन्दगी खराब कर दी है।
मैंने शिवानी को संभाला और कहा “I am with you. हम दोनों मिल कर इस problem का soultion निकालेंगे। चाहे कुछ भी करना पड़े। “
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तभी शिवानी के मोबाइल फ़ोन पर मैसेज आया। शिवानी ने मैसेज पड़ा और बोली कि “अमित का मैसेज है। वह किसी काम से चंडीगढ़ जा रहा है। उसने येह भी लिखा कि pics उसके मोबाइल में ही हैं। कुछ गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। “
Me: मर जाए कमीना
शिवानी: मैं कल चंडीगढ़ जाउंगी। मुझे उससे मिलना है। मुझे उसका फ़ोन चाहिए।
Me: ओके हम दोनों चलेंगे।
शिवानी: नहीं तू नहीं। अगर उसको शक हुआ कि तेरे को सब पता है तो कहीं गड़बड़ न हो जाए।
Me: कोई गड़बड़ नहीं होगी। वैसे भी हमने मार्च के फर्स्ट वीक मिड टर्म रिपोर्ट सबमिट करने चंडीगढ़ जाना ही है। बोल देना कुछ डाउट था उसको इसलिए वह चंडीगढ़ आ रही है और उसके साथ मैं भी आ रही हूँ।
शिवानी: ओके wait उसको कॉल करके बता दू कि मैंने उससे मिलना है।
Me: ओके
शिवानी ने उसको कॉल किया (फ़ोन लाउडस्पीकर पर था)
शिवानी (फ़ोन पर): अमित मुझे तेरे से मिलकर बात करनी है।
अमित (फ़ोन पर): मार्च में मिलूंगा। अभी चंडीगढ़ के बाद राजस्थान जाना है। कुछ काम है। फरवरी end तक वापिस आऊंगा।
शिवानी: मुझे नहीं पता अमित। मुझे मिलना है। मैं चलती हूँ तेरे साथ राजस्थान भी।
अमित (फ़ोन पर): pics की टेंशन न ले। जब तक बात हम दोनों के बीच रहेगी तब तक यह pics भी हम दोनों के बीच रहेगी। बाकी तुम्हारी मर्ज़ी है। जब मिलेंगे तब बताऊंगा क्या और कैसे करना है। अभी नहीं मिल सकता कुछ urgent काम है।
अमित ने फ़ोन disconnect कर दिया।
शिवानी: Priya मुझे वह पिक्स चाहिए (यह बोलते हुए वह रोने लगी)
मैंने उसको hug किया और उसको खुद को सँभालने के लिए कहा। मगर यह तो वही जानती थी कि कैसा फील कर रही है। वह रोते रोते सो गई।
मैंने उसको अच्छे से लिटाया। मैं किचन आ गयी। सोचा कुछ उसकी पसंद की dishes बनती हूँ। शायद उसका mind divert हो जाए।
रात हो गयी थी। वह सोती रही। मैंने उसको जगाया और डिनर करने को बोला।
शिवानी: मुझे नहीं खाना। भूख नहीं है।
बिना कोई argue किये मैंने ओके बोला और कहा तू आराम कर। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि शिवानी को कैसे संभालू। क्या करूँ।
मैंने बैडरूम की लाइट्स ऑफ की और उसके बगल में आकर लेट गयी।
शिवानी: Priya तूने डिनर कर लिया?
नहीं भूख नहीं है (मैंने कहा)
शिवानी मेरे पास आयी। मुझे hug किया और कहा “सॉरी, चल साथ डिनर करते हैं। “
हम दोनों ने डिनर किया और सो गए
Next Morning संडे था। हॉलिडे। अच्छा है शिवानी को आराम मिल जायेगा। मैंने शिवानी से इस टॉपिक पर कोई बात नहीं की मगर वह पूरा दिन गुमसुम सी रही।
संडे भी निकल गया।
मंडे आया। मैं ऑफिस के लिए रेडी हो रही थी। शिवानी आराम से बैठ कर TV देख रही थी। ना नहाया ना ब्रश किया।
मैंने पूछा “ऑफिस नहीं जाना है क्या ?“
शिवानी: नहीं, मैं आज नहीं जाउंगी। मेरा मन नहीं है। तू शाम को वापिस आएगी तो मुझे बता देना कि क्या क्या करवाया है। मुझे अभी अकेले रहना है।
मैंने सिर्फ इतना कहा “अपना ख्याल रखना और खाना खा लेना ” और मैं ऑफिस के लिए निकल गयी।
शाम को वापिस आयी तो देखा शिवानी ने ना ब्रेकफास्ट किया और ना लंच। मैंने उससे पूछा “कुछ खाया क्यों नहीं?“
शिवानी: मन नहीं किया।
Me: आज बाहर डिनर करते हैं। (सोचा घर से बहार निकलेगी तो better लगेगा। मैंने ज़िद की इसलिए वह बाहर जाने के लिए रेडी हो गयी)
हमने डिनर किया और घर वापिस आ गए।
2-3 दिन तक same routine चली। वह ऑफिस जाने के बारे में सोच ही नहीं रही थी।
Wednesday रात को after डिनर जब हम सोने जा रहे थे उसको एक कॉल आया। उसने कॉल pick नहीं किया। 30 मिनट्स में उसको 4 टाइम कॉल आया। मगर शिवानी ने कोई रिप्लाई नहीं किया। शायद वह किसी से बात करना ही नहीं चाहती थी।
मैंने पूछा किसका कॉल है?
शिवानी: प्रदीप का
Me: कौन प्रदीप?
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